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Showing posts from January, 2019

... वो माँ थी

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देखना मेरी ऐनक से... बीदर ज़िले के बस्वकल्याण डिपो की एक आरटीसी बस कर्नाटक-महाराष्ट्र की ग्रामीण सड़क से गुज़र रही थी। रास्ते में एक गाँव में सवार होने वालों में लगभग पचहत्तर से अस्सी साल की एक महिला भी थी। नौवारी साड़ी में कमर पर चाबियों का गुच्छा लटकाए , हुलिए और हाव भाव से लगता था कि किसी अच्छे खानदान की हैं। उम्र के असर ने चेहरे का रंग कुछ फीका कर दिया था , उम्र के हिसाब से कमज़ोंरी झलकने के बावजूद कद काठी अब भी मज़बूत थी। आम तौर पर यात्रा पर निकलने वालों के हाथ में कोई बैग या थैली ज़रूर होती है , लेकिन इस वृद्धा के पास ऐसा कुछ नहीं था। भीड़ ज्यादा होने के कारण कोई सीट ख़ाली नहीं थी , मैंने अपनी सीट से उठते हुए उन्हें बैठने का अनुरोध किया , लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि वह अगले ही गाँव में उतर जाएँगी। यात्रा का कारण जानने की कोशिश में बड़ा अजीब वाक्य सुनने को मिला। ..वो वहाँ सोया पड़ा है।..वो.. कौन है यह निश्चित रूप से नहीं समझ पा रहा था और सोया पड़ा है... का अर्थ जानने की जिज्ञासा बढ़ी। ....वह मेरा बेटा है और पीकर लुढ़क गया है। ...कहने के अंदाज़ से साफ था कि

.. उनका भी रोना रो लें

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(गुज़रे साल 2018 की डायरी से...) एक मित्र ने अपने एक नये रिश्तेदार की तारीफ करते हुए बताया कि हाल ही में जब उनकी नई बहू की परीक्षाएँ हुईं तो उन्होंने(श्वसुर ने) अपने काम से छुट्टी ली और बहू को छोड़ने के लिए परीक्षा केंद्र तक गये। इतना ही नहीं वे उसकी सारी परीक्षाओं के दिन परीक्षा केंद्र के बाहर डटे रहे। वे दर्शाना चाहते थे कि उनके लिए बहू बेटी से कम नहीं है। हालाँकि मैंने यह पता करने की कोशिश नहीं की कि क्या वे अपनी बेटी की परीक्षाओं में भी इतने समर्पित रूप से परीक्षा केंद्र पर डटे रहे थे या फिर परीक्षा केंद्र पर छोड़ते हुए अपने काम पर निकल गये थे। यह भी नहीं पूछा कि इन परीक्षाओं के दौरान उनके पुत्र महोदय अर्थात परीक्षार्थी के धर्म पति भी ऐसा कर सकते थे , क्यों नहीं किया। खैर , उनकी इस सहयोग धर्मिता को सलाम। सिक्के का एक और पहलू भी था। मुझे अपनी एक छात्रा याद आयी। वह अपने खानदान की पहली पोस्टग्रैज्वेट बनने जा रही थी। बड़े ही श्रम से खुद काम करते हुए वह अपने कॉलेज की ट्युशन फी और परीक्षा शुल्क का प्रबंध करती। उसके दिमाग़ में एक लक्ष्य था कि वह कम से कम पोस्टग्रैज्वेशन की श