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Showing posts from December, 2018

इन्सानियत ज़िंदाबाद

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एक रिश्तेदार का फ़ोन आया। वह अस्पताल में थीं , अपनी किसी मित्र की अयादत करने गयीं थीं। उन्होंने कहा , ‘ मैं तुम्हें एक अच्छी न्यूज़ दूँगी , प्रकाशित करोगे ?’   मैंने कहा , ‘ हम उसी   काम के लिए बैठे हैं और अस्पताल से कोई अच्छी ख़बर आये , इससे अच्छा क्या हो सकता है। ’ रिश्तेदार ने बताया कि किसी ने अस्पताल के उस वार्ड के सारे मरीज़ों के लिए मिनिरल पानी की बोतलें और फल भिजवाए हैं। हालाँकि उस   ‘ किसी ’   का नाम जानने की कोशिश में कामयाब नहीं हो सकीं। एक ओर लोगों को शिकायत होती है कि आज कल के अख़बार हत्या , डकैती , चोरी , रेप और धोखाधड़ी जैसी ख़बरें भरी होती हैं , वहीं शहर के सरकारी अस्पतालों के आस - पास मानव जाति की कुछ अच्छाइयों की कहानियाँ हर रोज़ मिलती हैं। कबीर ने कहा था , जाति न पूछो साधू की , लेकिन सरकारी अस्पताल एक ऐसी जगह है , जहाँ न लोग मदद करने के लिए ज़रूरतमंद की जाति नहीं पूछते , न ही फल , पानी , भोजन स्वीकारते हुए अन्नदान करने वाले की जाति पूछता है। अकसर ऐसा देखने में आया है कि मदद करने वाला व्यक्ति अपनी पहचान छुपाए रखता है। उसकी एक ही पहचान होती है-इन्सान और वह

अताउल्लाह खान - जिन्हें गाना सुनने पर पीटा जाता था

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(आज अताउल्लाह की गायी एक पुरानी रचना सुन रहा था। उन पर लिखा एक पुराना लेख डायरी में मिल गया। पेश है।) भारतीय उप महाद्विप में कई ऐसे कलाकार हुए हैं , जिन्होंने अपनी गायकी से बिल्कुल अलग जगह बनाई है , उस सूची में   अताउल्लाह   खान महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। एक ऐसा कलाकार जिसकी गायकी में ही नहीं बल्कि ज़िंदगी में भी दर्द की कई अनकही दास्तानें मौजूद हैं। उनके द्वारा गायी गयी ग़ज़लों के विषय भी दर्द की अभिव्यक्ति का निराला अंदाज़ रखते हैं। ऐसा लगता है कि यह उनके गाने के लिए ही लिखे गये हैं। अस्सी के दशक में अतालउल्लाह पापुलर होने लगे थे। हालाँकि जहाँ नुसरत फतेह अली ख़ान , मेहदी हसन और ग़ुलाम अली जैसे कलाकारों का दबदबा हो , वहाँ   अताउल्लाह   खान जैसे कलाकार का अलग अंदाज़ लोगों को आकर्षित करना मुश्किल था , लेकिन वो उभरे और उभरते रहे। उनकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जासकता है कि 1995 में गुलशन कुमार जब अपने भाई कृष्णकुमार के लिए फिल्म बेवफा सनम बना रहे थे तो न केवल   अताउल्लाह   की लोकप्रियता को भुनाया गया , बल्कि उनकी लोकप्रिय ग़ज़लों को सोनू निगम की आवाज़ में प्रस्तु