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एक बार जम के प्रेशर होना साब

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मनतरंग बाथरूम की एक नलकी ख़राब हो गयी थी। वाशबेसिन के नल को भी पानी कम ही आ रहा था , ऊधर छत की टंकी दो बार भरने के बाद भी खाली हो गयी। पता नहीं सारा पानी कहाँ चला गया। ग़ौर करने पर पाया कि एक दो जगह नल से दीवार में पानी रिस रहा है। फैमिली डॉक्टर की तरह हर घर में एक फैमिली इलेक्ट्रिशियन और पलम्बर भी होता है ,  बल्कि वह पास पड़ौस के घरों के लिए भी साझा कारीगर होता है। बहुत कोशिश के बाद भी जब फैमिली पलंबर से संपर्क नहीं हो सका तो फिर दूसरे पलंबर की तलाश की। प्राथमिक जाँच के बाद उसने हिसाब-किताब लगाकर सामान सहित पाँच से छह हज़ार रुपये का खर्च बताया। एक-दो नलों की मरम्मत के लिए यह ज्यादा लग रहा था , लेकिन क्या करते। अनमने ही सही हाँ कर दी। मुंबई में एक सुबह हाजी अली के पास से खींची गयी एक तस्वीर पलंबर का काम शुरू हो गया। हम मूक दर्शक और कभी-कभी सहायक निर्देशक की तरह कुछ कह सुन लेते। नलों की मरम्मत के दौरान उसने पाया कि प्रेशर बहुत कम है। उसने नलों का इतिहास जानना चाहा ,... शुरू से ही इतना ही प्रेशर है या फिर बीच में कम हुआ है , सभी नलों का प्रेशर ऐसा ही है क्या.. भला हम पुलिस