बदल गयी है सफलता की परिभाषा : पृथ्वी ओबेरॉय
फिल्मकार और शायर पृथ्वीराज ओबेरॉय हिन्दी, गुजराती और भोजपुरी फिल्मोद्योग में जाना-पहचाना नाम है। पृथ्वीराज विख्यात अभिनेता सुरेश ओबेरॉय के भतीजे हैं। उनका जन्म 5 दिसंबर, 1972 को हैदराबाद में हुआ। यहीं पर सेंट जार्जेस गरमर स्कूल, आबिड्स से उन्होंने पररंभिक शिक्षा परप्त की। बाद में मुंबई के उत्पलसांगवी स्कूल से शिक्षा पूरी करने के बाद मुंबई यूनिवार्सिटी से कामर्स में उन्होंने स्नातकोत्तर की डिग्री परप्त की। फिल्मों का शौक था, इसलिए वे सहायक निदेशक बन गये। `खोटे सिक्के' और `श्याम-घनश्याम' जैसी फिल्मों में उन्होंने सहयोग दिया। भोजपुरी फिल्म `एक और चुम्मा देद राजाजी' का उन्होंने निर्देशन किया। इसके बाद टेलीविजन के क्षेत्र में सक्रिय हुए। `टेढ़े-मेढ़े सपने', `अपनापन', `मेरी मिसेज़ चंचला' जैसे प्रख्यात धारावाहिकों का उन्होंने निर्देशन किया। उनका गुजराती धारावाहिक `मारू घर खाली कार' भी काफी चार्चित रहा। उन्होंने न्यूयार्क फिल्म यूनिवार्सिटी से फिल्म निर्माण में चार वर्ष का प्रशिक्षण परप्त किया। संगीत और शायरी का शौक भी उन्हें बचपन से था। प्यानो में उन्होंने रॉयल ...