रंगों के साथ हंसने, रोने और जीये जाने वाली कलाकार जया बाहेती
जीवन तो एक ही है , लेकिन वह किसी के लिए विस्तार है तो किसी के लिए सारांश। कोई उसे फैला रहा है तो कोई समेट रहा है। किसी के लिए बिल्कुल फीका तो किसी लिए इंद्रधनुष की छटाओं की तरह रंगारंग। हैदराबाद की प्रतिष्ठित चित्रकार जया श्री बाहेती के लिए जीवन रंगों से भरा हुआ है। बीते तीन दशकों से अधिक समय में उन्होंने कैन्वस पर रंगों की आड़ी तिरछी , गोल और कभी - कभी समानांतर लकीरों से हज़ारों आकृतियां उकेरी हैं। बंजारा हिल्स में उनकी छोटी सी गैलरी का अवलोकन करते हुए हम पाते हैं कि उन्होंने भारतीय संस्कृति की धरोहर से प्रतीकों को अपने चित्रों में कुछ इस तरह उकेरा है कि श्वेत श्याम चित्रों में भी चटख़ते हुए रंगों की छटाओं के छुपे रहने का एहसास होता है। कला समीक्षक जॉर्जिना मैडॉक्स उनके बारे में कहती हैं कि जया बाहेती अपने चित्रों में जीवंत लेकिन शांत रंगों की एक अमूर्त पृष्ठभूमि का निर्माण करती हैं , उनके चित्र दर्शकों में सहानुभूति भर देते हैं , कोमलता का एहसास जगाते हैं। पृथ्वी , जल , अग्नि , वायु और आकाश जैसे तत्वों को मिश्रण भी उनके चित्रों में मिलता है। वह ज...