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Showing posts from September, 2025

रंगों के साथ हंसने, रोने और जीये जाने वाली कलाकार जया बाहेती

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जीवन तो एक ही है , लेकिन वह किसी के लिए विस्तार है तो किसी के लिए सारांश। कोई उसे फैला रहा है तो कोई समेट रहा है। किसी के लिए बिल्कुल फीका तो किसी लिए इंद्रधनुष की छटाओं की तरह रंगारंग। हैदराबाद की प्रतिष्ठित चित्रकार जया श्री बाहेती के लिए जीवन रंगों से भरा हुआ है। बीते तीन दशकों से अधिक समय में उन्होंने कैन्वस पर रंगों की आड़ी तिरछी , गोल और कभी - कभी समानांतर लकीरों से हज़ारों आकृतियां उकेरी हैं। बंजारा हिल्स में उनकी छोटी सी गैलरी का अवलोकन करते हुए हम पाते हैं कि उन्होंने भारतीय संस्कृति की धरोहर से प्रतीकों को अपने चित्रों में कुछ इस तरह उकेरा है कि श्वेत श्याम चित्रों में भी चटख़ते हुए रंगों की छटाओं के छुपे रहने का एहसास होता है।   कला समीक्षक जॉर्जिना मैडॉक्स उनके बारे में कहती हैं कि जया बाहेती अपने चित्रों में जीवंत लेकिन शांत रंगों की एक अमूर्त पृष्ठभूमि का निर्माण   करती हैं , उनके चित्र दर्शकों में सहानुभूति भर देते हैं , कोमलता का एहसास जगाते हैं। पृथ्वी ,  जल ,  अग्नि ,  वायु और आकाश जैसे तत्वों को मिश्रण भी उनके चित्रों में मिलता है।   वह ज...

राइट भी राइट है या नहीं पता नहीं : पियूष मिश्रा

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  साक्षात्कार- कलाकारों की ज़िंदगी के किस्से कुछ अलग ही होते हैं। आश्चर्यचकित कर देने वाली घटनाओं और साहसों से भरे। हिंदी रंगमंच, सिनेमा और संगीत के क्षेत्र से जुड़े बहुआयामी और प्रतिभावान कलाकार पियूष  मिश्रा के जीवन में भी ऐसी घटनाओं की कमी नहीं है। ग्वालियर की यात्रा के दौरान जब उनसे मुलाक़ात हुई तो पता बहुत सी दिलचस्प बातों को जानने का मौका मिला। बताने लगे कि उन्होंने बचपन में एक फिल्म देखी थी दीवार, उसी फिल्म को देखकर मन में खयाल आया था कि अमिताभ बच्चन के साथ काम करेंगे। उन्होंने उसी समय अपने पिता को भी बता दिया था कि वे एक एक दिन अमिताभ बच्चन के साथ काम करेंगे और फिर लगभग अड़तीस साल बाद उन्होंने 2013 में फिल्म पिहु में अमिताभ के साथ कलाकारों की टीम में शामिल थे। लगभग 20 साल की उम्र में ग्वालियर से निकल कर दिल्ली में एनएसडी में प्रशिक्षण प्राप्त किया। कई बरसों तक नाटक करते रहे और एक दिन मुंबई की फिल्मी दुनिया का हिस्सा बन गये। उनका मानना है कि सपने देखना और उसे पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करना ज़रूरी है। चूंकि हम ग्वालियर में थे और ग्वालियर में पले बढ़े कलाकार से बात ...