...औरों का तड़पना देखकर तड़पा किये
शहर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर हैदराबाद से श्रीशैलम मार्ग पर स्थित प्रज्वला ने जो सुधार-सह-पुनर्वास-गृह बनाया है, उसे देख अनायास ही डॉ. सुनीता कृष्णन के कार्यों को सराहने को जी चाहता है। दरअसल, आज़ादी के लगभग 68 वर्ष गुजर जाने के बाद भी सुधार की जो असली तस्वीर हमारी सरकारें खोज ही नहीं पायीं, उसे सुनीता ने अपने बुलंद हौसलों एवं इन्सानी जज़्बे से साकार करने की कोशिश की है। ऐसा लगता है कि सुनीता ने जो कुछ अपने प्रारंभिक जीवन में भोगा है, उन अनुभवों के आधार पर जोखिम भरे कामों को बड़ी सरलता से करती गयी हैं। वेश्यालयों से बचाकर लड़कियों एवं औरतों को जिन जगहों पर आम तौर पर रखा जाता है, वे किसी बंदीगृह से कम नहीं होतीं, लेकिन प्रज्वला का शेल्टर होम उनसे बिल्कुल अलग है। यहाँ कुछ देर बिताकर हम महसूस कर सकते हैं कि दुनिया भर से पीड़ित, दुःखी, लूट, खसोट, धोखेबाज़ी तथा विश्वासघात से आहत अविश्वास की परतें ओढ़ें, जो औरतें और युवतियाँ यहाँ आती हैं, उनमें फिर से ज़माने के प्रति विश्वास जगाने का काम किया जाता है। बच्चों के लिए एक बहुत ही खूबसूरत, रचनात्मक गतिविधियों से भरा स्कूल, किशोरिय...